आज की राजनीति मूल्यों पर आधारित नहीं होती. छल-छद्म, बल प्रयोग, लोभ-लालच राजनीति का मूल तत्व हो गया है. इससे इनकार नहीं किया जा सकता. इस परिवेश में रहनेवाले नेताओं से हमें ज्यादा कुछ की उम्मीद नहीं करनी चाहिए.अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के साथ भी यही कुछ हुआ है.1998 से संस्था की बागडोर राजनितिक नेता के ही हाँथ में रही है. जिसका परिणाम आज की परिस्थिति है. इसलिए अगर सामाजिक संगठन को जीवित और समृद्ध कार्यशील एवं जनोपयोगी रखना है तो हमे राजनितिक पदलोलुप नेताओं से सामाजिक संगठन को बचाना होगा.4 दिसंबर को संगठन के वैसे लोग अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के चुनाव का कार्यक्रम प्रसारित किया है, जिन्हें अदालत द्वारा बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. तो इस आपराधिक कृत्य का मतलब क्या है? इसके गहरे भेद हैं और इसे समाज समझता है. कहीं यह अभाकाम के कोष एवं प्रेरणा भवन निर्माण हेतु बटोरे गए पैसे को हजम करने की साजिस तो नहीं? जो कुछ हो रहा है, उसे अति घृणित स्वार्थ का जीता जागता प्रतिफल कहा जा सकता है.15 साल के सामाजिक कार्यों से पर्दा उठने के साथ-साथ शीर्ष नेताओं के आचरण पर भी सवाल उठता है. यों तो 15 वर्षों की कहानी विस्तृत है. उसका वर्णन यहाँ विषयांतर होगा. अतः बाद में कभी समय आने पर महासभा की करूण कहानी अवश्य लिखेंगे.ज़रूर पढ़े : कैलाश सारंग फिर से अभाकाम के रास्ट्रीय अध्यक्ष बने
आज यह सन्दर्भ लिखते –लिखते जो विध्वाशक सूचनाएं प्राप्त हुई वह है श्री कैलाश नाथ का अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में अवैध पदस्थापन. पूरा साज इस कुकृत्य पर स्तब्ध हो गया है. इसे जीतनी भी निंदा की जाय, कम है. अब समय आ गया है तथाकथित बड़े लोगों के चहरे से नकाब हटाने की. यह समाजहित में जरुरी भी प्रतीत हो रहा है. सम्मान उसी को मिलना चाहिए, जो वस्तुतः सम्मान का हकदार हो. मंच पर बिठाएँ. गुणगान कीजिये और मंच से निचे आते ही कुकृत्य शुरू. अब इसे हर हाल में रोका जाना चाहिए.हमे हैरानी तो इस बात की है कि अपने को बुद्धिमान कहने वाली जाति 10 जनवरी को अदालती आदेश के द्वारा महासभा से बाहर कर दिए गए लोगों के इस अवैध एवं अनैतिक चुनाव में भाग लेने को आतुर है. कुछ अनैतिक एवं अवैध पद प्राप्त कर लेने के बाद कायस्थ एकता की बात कर रहे हैं. जब हम नैतिक–अनैतिक एवं वैध-अवैध तक में फर्क तक नहीं कर सकते तो हम गौरवशाली होने का दंभ क्यों भरते हैं?
यह 128 वर्षों से चली आ रही प्रतिष्ठित समाज के प्रतिष्ठित संगठन पर एकाधिकार की गन्दी लड़ाई है. हमारे पूर्वजों ने जिस उद्देश्य के लिए इस संगठन का गठन किया था और जिस जिजीविषा से इसका पोषण किया, उन्होंने सपने में भी इस संगठन के इस अधोगति की कल्पना नहीं की होगी. हम इतने निचे गिर जायेंगे कि इस प्रतिष्ठित धरोहर को अक्षुण्ण रखना तो दूर, सभी सामाजिक, नैतिक एवं कानूनी मर्यादाओं की, सिर्फ पद प्राप्त करने के उद्देश्य मात्र के लिए, धज्जियाँ उड़ा देंगे? मंच पर खड़े होकर आदर्श की लम्बी-लम्बी बातें करनेवाले, समाज को क्या दे रहे हैं?जरुर पढ़े : ABKM के सभी बिखरे लोगो को एक करेंगे : रविनंदन सहायआश्चर्य है कि अधिकतर लोग संगठन के गठन की प्रक्रिया को ही नहीं जानते. या तो हमने बताया नहीं या लोगों की रूचि ही नहीं रही यह सब जानने की. उन्हें आशा है कि हम आयेंगे और उनके सारे दुःख दूर हो जायेंगे. यह इच्छा ही सारी विफलताओं की जड़ है. समाज के सभी लोगों को संगठन के प्रति जागरूक होना होगा. उसमे हिस्सेदारी निभानी होगी, मिलकर काम करना होगा साथ ही गलत लोगों की मंशा नाकामयाब भी करना होगा.हर समाज में ऐसे तत्व होते हैं जो अपने निजी स्वार्थ साधने में कोई आगे-पीछे नहीं सोचते. उन्हें मौका तब मिलाता है जब हम उदासीन होते हैं और गलत बातों का विरोध नहीं करते. हमे हर मोर्चा चौकस रखना होगा. आलोचना करनेवाले लोग को भी मंच देना होगा. दरअसल हाँ में हाँ मिलानेवाले लोग समाज का ज्यादा नुक्सान करते हैं.आज के समय में युवा को सकारात्मक रूप से आगे आने की जरुरत है. तभी उनकी आवश्यकताएं और संगठन से अपेक्षाए भी पूरी होगी. याद रखें सशक्त संगठन एवं अच्छे लोगों से भरा हुआ संगठन ही कायस्थ समाज की आशा पूरी कर सकती है.हमें एक बार फिर सोचना होगा कि क्या हम सचमुच बुद्धिमान एवं गौरवशाली इतिहास के वाहक बनने के योग्य हैं? महथा ब्रज भूषण सिन्हा, झारखण्ड प्रदेश अध्यक्ष, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा (रजि. 5680/80-81 वैधानिक) (क्षमा चाहूँगा अपने समाज से. वैधानिक लिखते हुए मुझे काफी तकलीफ हो रही है, क्योंकि अब हमारे समाज में भेड़ की खाल में छिपे भेडियों की गिरोह की पहचान हो गई है.)( भड़ास श्रेणी मे छपने वाले विचार लेखक के है और पूर्णत: निजी हैं , एवं कायस्थ खबर डॉट कॉम इसमें उल्लेखित बातों का न तो समर्थन करता है और न ही इसके पक्ष या विपक्ष में अपनी सहमति जाहिर करता है। इस लेख को लेकर अथवा इससे असहमति के विचारों का भी कायस्थ खबर डॉट कॉम स्वागत करता है । आप लेख पर अपनी प्रतिक्रिया kayasthakhabar@gmail.com पर भेज सकते हैं। या नीचे कमेन्ट बॉक्स मे दे सकते है ,ब्लॉग पोस्ट के साथ अपना संक्षिप्त परिचय और फोटो भी भेजें।)