Home » चौपाल » भड़ास » २०१६ मे कायस्थ समाज की चुनोतियाँ : हम कितने तैयार हैं – आशु भटनागर

२०१६ मे कायस्थ समाज की चुनोतियाँ : हम कितने तैयार हैं – आशु भटनागर

२०१६ आ गया है , नववर्ष २०१६ की सभी चित्रांश बंधुओ को कायस्थ खबर की तरफ से हार्दिक शुभकामनाये !!! २०१५ कायस्थ समाज के लिए चेतना जगाने वाला साल कहा जा सकता है I इस साल मे हमें कई युवा सक्रीय तोर पर कम करते हुए आगे मिले वरिस्ठो ने अपने हाथ युवाओं के साथ मिलाये मगर समाज अभी भी उस करिश्मे का इंतज़ार कर रहा है जहाँ कायस्थ समाज को राजनैतिक तोर पर एक शक्ति के तोर पर देखा जाने लगे देखा जाए तो २०१६ मे सामने निकल कर आये नये युवा नेताओं के सामने यही एक बड़ा चैलेंज होगा I क्योंकि २०१५ के अंत तक आते आते कई नए संगठनो का फिर से जन्म  हुआ है और ये लगभग रोज़ एक नए संगठन के नाम से अब तक आगे आता जा रहा है I नये संगठनो का उदय होना मैं कभी भी बुरा नहीं मानता हूँ लेकिन ये पूजा समीतियो की तर्ज़ पर ना हो जाए बस इसी का एक बड़ा डर है I सोशल मीडिया के आने से एक बड़ी समस्या  ऐसे संगठनो के नेताओं का खुद को रास्ट्रीय घोषित कर देना भी है I जबकि इनमे से अधिकतर संगठन किसी शहर या जिले तक ही अपनी एक्टिविटी को चला पाने मे समर्थ हो यही एक बहुत बड़ी सफलता होगी देखा जाए तो सोशल मीडिया पर एक्टिव लोगो की संख्या बहुत हद तक २०० से 300 के बीच होगी I जिन्हें हम डेली तोर पर सक्रिय कह सकते है और लगभग सभी लोग अपने अपने संगठनो के साथ कुछ करने का दावा भी कर रहे है I लेकिन इसमें बड़ी समस्या ये है की इसको रास्ट्रीय स्तर पर या प्रदेश स्तर पर संगठात्मक तोर पर ले जाने और उसे कायस्थ शक्ति के तोर पर साबित करने के लिए हमारे पास क्या रणनीति है I ये सच है अधिकतर पुराने संगठन (पंजीक्रत या बिना पंजीक्रत ) समाज को एक सार्थक दिशा देने मे असफल रहे है और उनकी असफलता से उपजी हताशा से ही ये नए संगठन  आते जाते है I लेकिन सोशल मीडिया के इस दौर मे बने नये संगठन कायस्थ एकता के दावे तो कर रहे है मगर उसको लागू करने के लिए उनके पास पैसे के सवाल पर चुप्पी छ जाती है I अधिकतर लोग इस मामले मे इसे सेवा बता कर चुप हो जाते है मगर किसी भी संगठन के चलाने के लिए आने वाले पैसे पैसे के  बिना कोई संगठन कैसे काम करेगा इस पर कोई सही जबाब नहीं डे पाता है I इसका एक बड़ा कारण शायद फेसबुक  और व्हाट्स अप्प पर ग्रुप के साथ ही नया संगठन बनाने जैसी बातें भी है लेकिन हम सभी जानते है की किसी भी संगठन/पार्टी  की बड़ी ताकत उसके सदस्य होते है I लेकिन खुद को रास्ट्रीय होने के दावे करने वाले इन संगठनो के पास ५०० सदस्य भी नहीं है जो पैसे देकर सदस्य बने हो I पुराने संगठनो की तरह इनमे भी कोई संविधान या चुनाव जैसी कोई बात नहीं दिखाई दे रही है इसलिए इनसे सवाल पूछने जैसी भी बातें ख़तम हो जाती है I बहराल कायस्थ समाज को भावनात्मक बातो पर एक करते इन संगठनो से इस साल मे कायस्थ समाज कितना एक हो पायेगा ये तो इस साल मे ही पता चलेगा मगर पिछले साल की तरह इस साल भी ये सवाल ज्वलंत ही बने रहंगे आशु भटनागर 

आप की राय

आप की राय

About कायस्थ खबर

कायस्थ खबर(https://kayasthkhabar.com) एक प्रयास है कायस्थ समाज की सभी छोटी से छोटी उपलब्धियो , परेशानिओ को एक मंच देने का ताकि सभी लोग इनसे परिचित हो सके I इसमें आप सभी हमारे साथ जुड़ सकते है , अपनी रचनाये , खबरे , कहानियां , इतिहास से जुडी बातें हमे हमारे मेल ID kayasthakhabar@gmail.com पर भेज सकते है या फिर हमे 7011230466 पर काल कर सकते है अगर आपको लगता है की कायस्थ खबर समाज हित में कार्य कर रहा है तो  इसे चलाने व् कारपोरेट दबाब और राजनीती से मुक्त रखने हेतु अपना छोटा सा सहयोग 9654531723 पर PAYTM करें I आशु भटनागर प्रबंध सम्पादक कायस्थ खबर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*