कायस्थ खबर पड़ताल : क्या कायस्थ संस्थाए ज्यदा है कायस्थ समाज सेवियों के मुकाबले ? जानिये क्या है खेल
कायस्थ खबर कायस्थ समाज के लोगो के लिए हमेशा आवाज़ उठाता रहा है I ऐसे में एक बहुत ही गंभीर मुद्दे पर हमारा ध्यान गया है की आखिर संस्थाए लोकल स्तर पर अपना प्रभाव छोड़ पाने में क्यूँ असफल है ? आखिर क्या कारण है की कायस्थ समाज संस्थाओं और नेताओं का शोर तो बहुत है लेकिन काम पड़ने पर मदद के लिए खड़े होने वाले बहुत कम ?
आखिर फिर समस्या क्या है इसके कायस्थ खबर ने कायस्थ संस्थाओं की कार्य प्रणाली और कायस्थ समाज सेवियों की स्थिति पर एक सर्वे किया जिसमे कई चौकाने वाले तथ्य सामने आये है I
सबसे पहली बात तो ये है की अधिकतर कायस्थ संस्थाए पारिवारिक तोर पर बनाई जा रही है , जिनका पंजीकरण भी कम ही होता है , दूसरा तथ्य ये भी निकल कर आया है की सोसाइटी एक्ट में पंजीकृत संस्थाओं के कार्य क्षेत्र तक में जो संस्थाए कार्यरत नहीं उनके अधिवेशन अलग अलग क्षेत्रो में होते है I
लेकिन असल समस्या है संस्थाओं के वर्कफ़ोर्स का ना होना है , दरअसल अपनी महत्वाकांक्षा और अभिमान के चलते लोगो ने संस्थाए तो बना ली है और उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बन गए है लेकिन असली समस्या है देश भर में बिभिन्न क्षेत्रो में उनके समर्थक नहीं बन पाते है I ऐसे में लगभग हर जिले से वही १० या २० लोग सभी संस्थाओं के निशाने पर होते है I स्थिति और भी हास्यापद हो जाती है जब एक ही आदमी एक जगह ३ से १० संस्थाओं का प्रतिनिधित्व करता है I ऐसे में जब किसी आयोजन में आप १० संस्थाओं को उनके लोगो के साथ आमंत्रित करते है तो वहां १० की जगह वही एक आदमी अपने विस्टिंग कार्ड के साथ खड़ा होता जिस पर ३ संस्थाओं के पदों का जिक्र होता है \
इससे संस्थाओं और नेताओं का अहम तो शांत हो जाता है लेकिन कायस्थ समाज को को सहायता नहीं मिल पाती है और यही से समाज के ज़रूरत मंद लोग ये कहते पाए जाते है की जब कभी किसी काम में १०० कायस्थ ज़मा करने हो तो १० ही लोग आ पाते है
कायस्थ खबर 31 जुलाई को नॉएडा में इसी मुद्दे को लेकर कायस्थ खबर परिचर्चा और संवाद का आयोजन कर रहा है I जिसमे समाज के कर्णधारों से इस मुद्दे पर सवाल पूछे जायेंगे I आप भी अगर अपने कुछ सवाल या राय देना चाहते है तो हमें भेज सकते है या फिर अगर आप इस इवेंट में खुद भी भाग लेना चाहते है तो भी हमें 9654531723 पर संपर्क कर सकते है