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व्रत त्यौहार : पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए घर पर ऐसे बनाएं इको फ्रेंडली गणेश

कायस्थ खबर आध्यात्मिक डेस्क I सिद्धिविनायक गजानन आपके द्वार आने वाले हैं। गणेश चतुर्थी को लेकर सभी लोगों में उत्साह बना हुआ है। इस बार चतुर्थी तिथि बुधवार 12 सितंबर को शाम 04:08 बजे से शुरू होगी। जोकि 13 सितंबर  बृहस्पतिवार दोपहर 02:51 मिनट तक रहेगी। गणेश चतुर्थी पर पूजन के लिए सुबह 11:10 बजे से दोपहर 01:38 बजे तक शुभ मुहूर्त है। मूर्ति स्थापना मुहूर्त 12 सितंबर - शाम 4:53 से 6:27 बजे, दूसरा  7:54 से रात 10:47 बजे तक 13 सितंबर - सुबह 6:00 बजे से 7:34 बजे तक अमृत योग - सुबह 10:40 से 2:51 बजे तक मूर्ति स्थापना कर सकते हैं

ऐसे बनाएं इको फ्रेंडली गणेश

बाजार में कारीगरों द्वारा तैयार मूर्तियों में कई तरह के केमिकल होते हैं जो हमारे पर्यावरण के लिए काफी नुकसानदायक होता है। जहां हर तरफ इको फ्रेंडली बप्पा घर लाने की सलाह दी जा रही है वही हम भी आपको कुछ ऐसे आसान से आइडिया दे रहे हैं जिसका इस्तेमाल कर आप भी एक सुंदर और स्वच्छ उत्सव बना सकते हैं। तो आइए 13 सितम्बर से 10 दिनों तक शुरू होने वाले इस उत्सव की तैयारी आप अभी से कर लीजिए..यहां हम कुछ टिप्स दें रहे हैं फॉलो करें। साम्रगी-
थोड़ी सी काली मिट्टी (2 कटोरी), मिट्टी सानने के लिए पानी, तुअर की दाल और चावल के कुछ दाने और पेंसिल की छीलन।
आइए शुरू करें…
1. सबसे पहले मिट्टी में पानी डालकर उसे आटे की तरह हल्के हाथों से गूथ लीजिए। यह मिट्टी थोड़ी गीली-थोड़ी सख्त हो, ताकि शरीर के अलग-अलग हिस्से एक-दूसरे से चिपकाए जा सकें।
2. बड़े गोले को नीचे रखकर, छोटे गोले को थोड़ा सा चपटा करके उसे बड़े गोले पर फिट कर दें। यह हो गया गणपति बप्पा का पेट और सिर।
3. बाकी बची मिट्टी से पांच बेलनाकार आकृति बनाएं। यह हैं गणेश के हाथ, पैर और सूंड।
4. सूंड वाले हिस्से को हाथों से शेप देते हुए थोड़ा सा लंबा कर लें और हल्का सा नीचे से घूमा दीजिए। 5. इसके बाद पानी की मदद से सभी बनें अंगों को चिपकाते जाएं अंत में पैर वी शेप में चिपकाएं जैसे हम नीचे बैठते हुए मुद्रा बनाते हैं। 6. अब पेंसिल की छीलन को बप्पा के कान बनाकर चिपका दें और मुकुट की जगह भी इसे चिपका दें। यह जरूरी नहीं है आप एक मिट्टी के गोले को रोटी जैसा बेलकर उसे दो हिस्सों में बांट कर गोलाई वाला हिस्सा गणेश जी के चेहेरे से चिपका कर भी कान बना सकते हैं।
7. आंखों की जगह तुअर की दाल के दो दाने लगा दें और दांतों की जगह चावल के दाने। गणपति बप्पा की मूर्ति तैयार है। इसे सूखने के लिए छांव में ही रखें। इनका विसर्जन घर में ही किसी थाली में रखकर, मूर्ति पर पानी डालकर कर सकते हैं और इस पानी को पौधों में डाल सकते हैं।
विशेष ध्यान दें- इस मिट्टी में सुंदर फूलों के बीज भी डाल सकते हैं ताकि जब विसर्जन हो तो गमले में मिल कर गणपति बप्पा की सुगंध आपके घर को महका दें। तुलसी के बीज ना डालें। भगवान श्री गणेश जी को तुलसी नहीं चढ़ती, ना ही श्री गणेश को तुलसी के गमले में विसर्जित करें।
इसके अलावा इस प्रकार भी बना सकतें है इको फ्रेंडली गणेशा…
मिठाई से बने गणेश जी  मावा लाकर इसके गणेश जी बनाएं और फिर इनका पूजन करेंविसर्जन के दिन इन्हें मिठाई का रूप देकर प्रसाद के तौर पर बांट दें। मिठाई के अलावा आप यहां चॉकलेट गणेशा भी बना सकते हैं। देखिए कितना अच्छा आइडियां है।फिशफूड से बनाएं बप्पा  अगर बप्पा का विसर्जन पानी में ही करना चाहते हैं तो मछलियों के दानों से इनको तैयार करें। विसर्जन के दिन आप आराम से इन्हें नदी, समुद्र या फिर नहर में विसर्जित कर सकते हैं। इससे आपकी चतुर्थी भी बन गई और पुण्य का भी काम हो गया।चावल के गणपति  घर पर रखे साफ चावलों को एक चौकी पर बिछा दें और फिर चावलों को गणपति का रूप देकर उसकी पूजा करें। फिर खीर बनाकर प्रसाद के रूप में इसका विसर्जन कर दीजिए, फिर चाहें खीर दोस्तों में बांटे या भूखें व्यक्ति को खिलाएं। ये मत भूलिए भगवान केवल आपके प्रेम और आस्था का भूखा है। फूलों से बने बप्पा  अगर आप बप्पा की स्थापना एक से दो दिन के लिए करते हैं तो आप फूलों के बप्पा की स्थापना कर सकते हैं और विसर्जन के दौरान इन्हें गमलों में विसर्जित कर सकते हैं जिनसे फूल कुछ समय बाद मिट्टी में मिलकर खाद का काम करेंगे। तो इस तरह आप इस बार अपने घरों पर बप्पा की स्थापना कर सकते हैं इनमें से आपको कौन-सा आइडिया पसंद आए नीचे कमेंटबॉक्स में लिखकर जरूर बताएं।

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