अतुल श्रीवास्तव । कायस्थ पाठशाला के वर्तमान अध्यक्ष डॉ सुशील सिन्हा आने वाले दिनों में कायस्थ पाठशाला में शुद्ध रक्त कायस्थ के ही मेंबर होने की शर्त को बदल सकते हैं। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि कायस्थ पाठशाला के पूर्व अध्यक्ष और नगर निगम के पूर्व मेयर चौधरी जितेंद्र नाथ सिंह ने ऐसा दावा किया है।
जी हां बिल्कुल सही पढ़ रहे हैं चौधरी जितेंद्र सिंह ने कायस्थ खबर के साथ एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में यह बताया कि आने वाले दिनों में कायस्थ पाठशाला के वर्तमान अध्यक्ष सुशील सिंह ऐसा नियम लाने जा रहे हैं जिसमें किसी भी मेंबर के माता-पिता के कायस्थ होने की अनिवार्यता समाप्त की जा सकती है । आपको बता दें कि अभी तक कायस्थ पाठशाला में मेंबर बनाने की प्रमुख शर्त यही है कि उस कायस्थ के तीन पीढ़ी तक माता-पिता कायस्थ होने चाहिए ।
कायस्थ पाठशाला के पूर्व अध्यक्ष चौधरी जितेंद्र नाथ सिंह का पूरा इंटरव्यू यहां क्लिक करके जरूर सुने
अपने इंटरव्यू में कायस्थ पाठशाला के पूर्व अध्यक्ष चौधरी जितेंद्र सिंह ने दावा किया कि कायस्थ पाठशाला में शुद्ध रक्त कायस्थ की जगह ऐसे प्रयास किया जा रहे हैं जिससे उन कायस्थों को भी जगह मिल जाए जिन्होंने किसी ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य यह हरिजन से विवाह कर लिया है।
वही इस खुलासे के बाद कायस्थ खबर के समक्ष यह जानकारी भी आई है कि आगामी 2 जून को गवर्नर बॉडी की एक विशेष बैठक बुलाई जा रही है जिसमें ऐसे प्रयासों को अंजाम दिया जा सकता है और कायस्थ पाठशाला के अब तक के इतिहास को धूमिल किया जा सकता है।
कायस्थ पाठशाला से जुड़े कई लोगों ने इस बात पर बेहद आपत्ति जताई है और कहा है कि अगर डॉक्टर सुशील सिन्हा ने ऐसा कुछ किया तो इसके परिणाम घातक होंगे उन्होंने पूर्व सभी अध्यक्षों के मुकाबले डॉक्टर सुशील सिन्हा के इस कृत्य को बेहद निम्न बताया है।
नाम न छापने की शर्त पर कायस्थ पाठशाला के प्रमुख पदाधिकारी ने कहा कि चौधरी जितेंद्र सिंह, टीपी सिंह, केपी श्रीवास्तव में भले ही कितने भी मतभेद रहे, किंतु उनके कार्यकाल में कभी इस तरीके की जानकारी पर काम होने की बात सामने नहीं आई है और अगर ऐसा होता है तो पूरे प्रयागराज का कायस्थ सड़कों पर उतरेगा। मुंशी काली प्रसाद जी ने जिस प्रमुख बात को लेकर इस ट्रस्ट का निर्माण किया अगर उसको ही बदल जाएगा तो इसके लिए भरपूर विरोध होगा।