
संविधान निर्माता डा. राजेन्द्र प्रसाद क्यूँ नहीं – जय प्रकाश सिन्हा
डा. राजेन्द्र प्रसाद जी - - -
संविधान निर्माता ? कैसे ?
भारतीय संविधान सभा की पहली बैठक दिसम्बर, 1946 मे हुई जिसमें सर्वसम्मति से डा. राजेन्द्र प्रसाद जी को संविधान सभा का अध्यक्ष चुना गया. "A very high position in public life, long experience, exceptional qualities of head & heart" अध्यक्ष चुनने के कारण थे. अध्यक्ष चुने जाने के बाद संविधान सभा के सदस्यों ने डा. राजेन्द्र प्रसाद को भावभीनी बधाई दिया. सरोजिनी नायडू जी ने लिखा - "compress an epic into an epigram" in a line about Dr. Rajendra Prasad - "if I had a pen of gold dipped in a pot of honey adequately to pay tribute to his qualities". संविधान सभा के सभी लोगों ने कहा " that he would be guardian & father of the house". . . .essential sweetness, wisdom, his experience, clarity of vision creative imagination & faith . . . . . brings him very near the feet og Lord Buddha himself.
संविधान निर्माण के चार पायनियर - नेहरू जी, सरदार पटेल, डा. राजेन्द्र प्रसाद तथा अब्दुल कलाम आजाद.
संदर्भ - The making of Indian Constitution - by Prof. Bimal Prasad.
डा. बी.आर. अंबेडकर जी ने कुछ ऐसा लिखा था - मैँ संविधान सभा मे इसलिए शामिल हुआ था ताकि एस.सी/एस.टी का अहित न होने पाए, . . . . आपने मुझे संविधान निर्माण मे शामिल किया और ड्राफ्टिँग कमेटी के चेयरमैन की जिम्मेदारी सौँपा . . . संविधान ड्राफ्ट करने का श्रेय श्री B.N.Rau, ICS, Constitutional expert को देना चाहिए.
संविधान के प्रत्येक अर्टिकल पर कमेटी मे चर्चा और उसके बाद संविधान सभा मे वृहत विचार विमर्श, सर्वसम्मति से पारित होने के बाद डा. राजेन्द्र प्रसाद की सहमति के बाद ही वह संविधान का हिस्सा बना है. संदर्भ - Proceedings of constituent assembly.जय प्रकाश सिन्हा