
नाम नहीं काम चाहिए आज नाम नहीं काम चाहिए, इसे सच कर दिखाया है ललित सक्सेना ने
नाम नहीं काम चाहिए आज नाम नहीं काम चाहिए हमारी इस सोच को सच कर दिखाया जयपुर के ललित सक्सेना जी ने Iये कहना है नॉएडा संजय श्रीवास्तव नाटी का, संजय ने कायस्थ खबर को बताया विगत दो तीन दिनों से जयपुर के अनिल सक्सेना जी ने समाज की लोगो से मदद मांगी थी पर कुछ तमाशबीन और अफवाहों को जनम देने वालो ने इतना तक कहा की वो कायस्थ नहीं है Iचुकी हमारी टीम भी इस कार्य में लगी थी पर सबसे सराहनीय कार्य किया ललित भाई ने! उन्होंने समाज के साथ ही इंसानियत की नाते अनिल जी का पूरा चेकअप कराया बल्कि बड़ोदा भी आगे इलाज के लिए भेजा! उनका सहयोग अतुलनीय है में और मेरे सहयोगी और मेरे मार्गदर्शकों की और से उनको सलाम करते है! साथ ही ये उनलोगो की लिए नसीहत है जो बिना वजह लोगो की टांग खींचते है वो बी समाज में अपनी होने के लिए! एक तमाचा है उन लोगो पर जो समाज के ठेकेदार वनते है और जो करते है उनको करने भी नहीं देते Iइधार ललित सक्सेना ने कायस्थ खबर को भेजे सन्देश में कहा दोस्तों साथियो समाज बन्धुओ जय चित्रांश पोस्ट बड़ी हो सकती है परन्तु समाज हितार्थ जरूर पड़े पिछले दो दिवस से अनिल सक्सेना जिनके पैर के दोनों घुटने खराब हो गए वो भी मात्र 33 वर्ष की आयु में उनके माता पिता इस दुनिया में नही रहे और वो अपना जीवन के इस मुसीबत में समाज बन्धुओ से सहयोग मांग रहे थे इसी दौरान कुछ लोगो ने उन्हें कायस्थ ना होना जेसे आरोप लगा दिए और वही एक और समाज के लोगो द्वारा कुछ मदद ना मिलने से हताश हो चुके चित्रांश ने आत्म हत्या का भी मन बना लिया। था आज उनसे मुलाक़ात हुई थी और मेरे योग्य जो भी मदद थी वो उनकी की गईश्री चित्रगुप्त बाल हितकारी सेवा संस्थान के प्रदेश संयोजक और अखिल भारतीय कायस्थ महा सभा का राष्टीय कार्यकारिणी सदस्य होने के नाते जो वयथा मेने उनकी सुनी वो दिल को झकझोर देने वाली है और समाज के उन कथित ठेकेदारो की पोल खोलती है अभी नाम नही काम चाहिए कायस्थ को कायस्थ के काम आना चाहिए उनको आज हॉस्पिटल ले जाकर पूरी जाँचे और बड़ोदरा समाज बन्धु के बुलाने पर उनका टिकट करवा कर रास्ते के लिए मेरी योग्यता अनुसार कुछ धन देकर रवाना किया है ये सब में इसलिए बता रहा हु की यदि आप किसी की मदद नही कर सकते तो उसे जलील करने का हक भी आपको नही है थोड़े में ज्याद कह दिया और संदेह में आते है वो संघठन और वो कायस्थ जो कहते है की कोई कायस्थ नही रहेगा बे इलाज आखिर क्यों मदद नही की इस चित्रांश की जिसके चलने की हालत भी ठीक नही है