दुखद : ABES कालेज के कायस्थ छात्र की करंट लगे से मौत, गाजियाबाद कायस्थ समाज की चुप्पी पर उठे सवाल
गाज़ियाबाद I शहर के नामी इंजीनीयर कालेजो से से एक ABES में एक कायस्थ छात्र की बिजली के खम्बे से करंट लगने से मौत हो गयी है I मृतक छात्र का नाम हर्षित श्रीवास्तव है I हर्षित के पिता मालवीय नगर निवासी विजय श्रीवास्तव इलाहाबाद हाईकोर्ट में अधिवक्ता हैं। उनका पुत्र हर्षित श्रीवास्तव (21) एनएच 24 स्थित एबीईएस इंजीनिय¨रग कॉलेज में इलेक्ट्रिकल्स से बीटेक द्वितीय वर्ष का छात्र था और कॉलेज परिसर में बने हॉस्टल में रहता था।छात्रों के मुताबिक वह मंगलवार रात करीब 12 बजे फोन पर बात करता हुआ हॉस्टल के कमरे से बाहर निकला था और वापस नहीं लौटा। इस दौरान उसके रूम मेट पढ़ाई करने के बाद सो गए। सुबह करीब साढ़े छह बजे सीनियर छात्र सैर पर कॉलेज ग्राउंड में निकले तो उन्होंने हर्षित को ग्राउंड में लगे एक खंभे से चिपका देखा उसके पास ही मोबाइल फोन पड़ा हुआ था। आशंका जताई जा रही है कि हर्षित मोबाइल फोन पर बात करते हुए खंबे के सहारे आकर खड़ा हो गया होगा और इस दौरान खंभे में आ रहे करंट की चपेट में आने से उसकी मौत् हो गई। इसके बाद छात्रों ने मामले की सूचना पुलिस व कॉलेज प्रबंधन को दी। कॉलेज प्रबंधन ने हर्षित को एक निजी अस्पताल भेजा लेकिन यहां पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी।घटना से गुस्साये छात्रों ने कॉलेज प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए एनएच 24 पर जाम लगा दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने छात्रों को समझाकर जाम खुलवाया, इसके बाद बड़ी संख्या में छात्र कॉलेज के गेट के बाहर धरने पर बैठ गए और जमकर नारेबाजी की। मौके पर पहुंचे पुलिस व प्रशासन के आलाधिकारियों ने छात्रों को बमुश्किल समझाकर शांत किया। इसके बाद छात्रों ने न्याय की मांग को लेकर कैंडल मार्च किया। पुलिस ने छात्र के परिजनों को सूचना दी है। देरशाम तक परिजन गाजियाबाद नहीं पहुंचे थे। इस संबंध में पुलिस ने कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है।छात्रों की मांग थी कि ग्राउंड परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, मृतक छात्र के परिजनों को मुआवजा दिया जाए और खंभे सही कराए जाएं।इस पूरी घटना में गाजियाबाद के कायस्थ समाज का अब तक कोई बयान नहीं आया है I ना ही पिछले दिनों गाज़ियाब्द्द की कायस्थ सभाओं को एक करने वाली समीति की तरफ से कालेज प्रशाशन के खिलाफ कोई आन्दोलन करे जाने की खबर है I कायस्थ समाज ऐसी घटनाओं के बाद हमेशा ही कायस्थ समाज के नेताओं से सवाल करता है की क्या संस्थाए सिर्फ अध्यक्ष बन्ने के लिए है ?