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संगठनों के चंदे-घोटालो पर बरसे कायस्थ वृन्द के मुख्य समन्यवयक धीरेन्द्र श्रीवास्तव,बोले जो चन्दा से प्राप्त करो,उसे नामवार बैंक खाते के विवरण सहित घोषित करो।

कायस्थ खबर डेस्क I कायस्थ संगठनों के चंदे घोटालो और उनके वार्षिक आडिट पर कायस्थ वृन्द के मुख्य समन्वयक ने तीखी प्रतिक्रिया दी है I उन्होंने सोशल मीडिया पर जारी एक बयान में ऐसे सभी संगठनों को अपने खाते सार्वजनिक करने की सलाह दी तथा साथ ही चेतावनी भी दी है की चंदे के नाम पर घोटालेबाजों को वो सामने लाते रहेंगे I धीरेन्द्र श्रीवास्तव के इस बयान पर अभी तक किसी भी संगठन की कोई प्रतिक्रया नहीं आई है लेकिन कायस्थ समाज के लोगो ने इसका स्वागत किया हैगौरतलब है की कायस्थ समाज के संगठनों पर पहले भी चंदे लेकर घोटाले करने के आरोप लगते रहे हैं और उसी की आड़ में कायस्थ समाज में संगठनों की इतनी संख्या हो गयी है की हर ५-१० सदस्यों पर एक नया राष्ट्रीय अध्यक्ष दिखाई देता है I धीरेन्द्र श्रीवास्तव ने जारी अपने बयान में कहा है I
किसी भी कायस्थ संगठन/संस्था को "कायस्थ मजबूरी व समस्या " के नाम पर "सम्पूर्ण "कायस्थ समाज" के भावनाओ व जज्बातो से खिलवाड करने नही दिया जायेगा । --------—------------------—--------------------------------------------- हे गरीब,कमजोर अथवा असमर्थ कायस्थ भाइयो के नाम व उनकी वास्तविक समस्याओ के नाम ओर चन्दा मांगने वाले चन्दाबाज "कायस्थ" संगठनो/संस्थाओं" के मूर्धन्य पदाधिकारीगण व कथित मसीहाओ आपको प्रेरणा लेनी चाहिये कि बिना श्रेय लिये भी "आम कायस्थ" को उसकी मुसीबत के समय सीधे सहयोग किया जा सकता है जैसा कि अनेक कायस्थ कर रहे है। चन्दा मांगने के पहले अपनी सदस्य संख्या को घोषित करते हुये सर्वप्रथम अपने सदस्यो से चन्दा से प्राप्त करो,उसे नामवार बैंक खाते के विवरण सहित घोषित करो। प्राप्त पूरी धनराशि जरुरतमन्द को दो। कम पडने पर ही सार्वजनिक सहयोग की अपील करो लेकिन ब्यौरा सबका समय-समय पर देते रहो। अनेक बार सोशलमीडिया अथवा अन्य सूचना संसाधनो के माध्यम से "कायस्थ भावुकता" का दुरुपयोग करते हुये कतिपय संस्थाओ द्वारा धनराशि की उगाही तो की गयी पर जरुरतमन्द को दी ही नही गयी।अनेक बडे संगठनो की घोषणाये कर पीछे हटने के भी दृष्टान्त है जो कि सर्वथा अनुचित है। इसके अतिरिक्त ऐसी भी सूचनायें है कि धन संग्रहण ज्यादा किया गया पर जरूरतमंद को टोकेन धनराशि ही प्रदान की गयी।इन सब भी भयावह स्थिति यह रही कि जरूरतमन्द की तत्कालीन समस्या का निराकरण तो हो गया पर संग्रहण बाद मे भी जारी रहा। कतिपय संस्थाओ/संगठनो की ऐसी हरकतों से "कायस्थ विश्वास व भरोसा" की सदैव गहरा आघात पहुचता रहा है। पर हम अब ऐसा नही होने देंगे और ऐसे किसी भी कुत्सित प्रयासो का समय-समय पर विरोध करेंगे व "आम कायस्थ" को सजग करते रहेंगे चाहे हमारे ऊपर व्यक्तिगत किसी भी प्रकार का आक्षेप व आरोप तथाकथित "समाजसेवी संस्थाओं/संगठनों/मठाधीशो"द्वारा क्यो न लगाया जाये। "समस्याग्रस्त कायस्थ" से विशेष अनुरोध है कि वह सोशल मीडिया के माध्यम से सीधे अपनी समस्या "कायस्थ समाज" के समक्ष रखे जिससे "आम कायस्थ" सीधे आपकी मदद कर सके एवम सामाजिक कार्य का दावा करने वाले कथित "कायस्थ संस्था/संगठन" भावनाओ व जज्बातो का दुरुपयोग न कर सके। उन सक्रिय साथियो को हमारा हार्दिक अभिन्नदन जो बगैर किसी लोकप्रियता की आकांक्षा के निष्काम व सहज रूप मे "समस्याग्रस्त कायस्थ" को "सक्रिय सहयोग" प्रदान कर रहे है। भगवान श्री चित्रगुप्त हम सबकी गल्तियो को क्षमा करते हुये सभी का कल्याण करे।\ 
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