
जानिये आखिर कैसे कमलेश श्रीवास्तव अयोध्या से भाजपा से टिकट की दौड़ में पिछड़े
कायस्थ खबर डेस्क I भाजपा की दूसरी लिस्ट आने के साथ ही कमलेश श्रीवास्तव का अयोध्या में इस बार भाजपा का कायस्थ विधयाक मिलने का सपना ख़तम हो गया I अयोध्या जहाँ कायस्थ अच्छी संख्या में थे वहां आखिर कमलेश कैसे इस रेस से बाहर हुए इसका एक आंकलन कायस्थखबर ने किया Iअयोध्या से बसपा छोड़कर आए वेद प्रकाश गुप्ता को टिकट दिया है, भाजपा से विधानसभा चुनाव लडने के लिए अयोध्या सीट पर कुल 16 दावेदार थे। इसमें कैडर के 10 और लोकसभा चुनाव के बाद सदस्यता लेने वाले छह दावेदार थे। भाजपा ने 69 वर्षीय वेद प्रकाश गुप्ता पर भरोसा जताया है, वे यहां के बड़े कारोबारी और लंबे समय से व्यापारी राजनीति का अनुभव रखते हैं।सूत्रों की माने तो इस सीट पर प्रमुख दावेदारों में ऋषिकेश उपाध्याय, राजेश तिवारी, अशोक तिवारी, डीपी तिवारी, विनोद जायसवाल, कमलेश श्रीवास्तव आदि थे I अब ऐसे में कमलेश श्रीवास्तव पर एक बेहतर अवसर था जब वो अपनी उपस्थिति को बना सकते थे I लेकिन कमलेश अपने ही बडबोले साथियो के चलते कायस्थ समाज का विशवास नहीं रख पाए I वही ओम माथुर से कायस्थ होने के चलते उम्मीद रखना भी कमलेश को नुक्सान ही दिया I कमलेश के साथ रहने वाले एक बडबोले लेकिन महत्वपूर्ण सहयोगी ने सोशल मीडिया पर कई बार ये बयान दिया की भाजपा ने अगर कमलेश को वोट नहीं दिया तो भाजपा को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे I ऐसी बातो का बीजेपी के इन सब प्रत्याशियों पर नजर रख रहे टीम पर गलत सन्देश गया Iकायस्थ खबर को ये भी जानकारी मिली की पत्रकार होने के बाबजूद कमलेश सभी कायस्थ संगठनों के नेताओं को साधने में भी सफल नहीं रहे जिसका नुक्सान उन्हें भाजपा की सोशल मीडिया टीम के आंकलन में हुआ Iवही वेद प्रकाश गुप्ता शुरूआती राजनीति में व्यापार मंडल के जरिए भाजपा से जुड़े रहे, मगर टिकट न मिलने का चांस देख वे सपाई हो गए। समाजवादी पार्टी ने 2002 में उन्हें अयोध्या से उतारा, तब कुल 31936 मतों के साथ कुल वोटिंग का 24.11 फीसदी मत हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे। 2012 के चुनाव में सपा ने नया युवा चेहरा पवन पांडेय को टिकट दिया तो वेद गुप्ता ने आनन-फानन में बसपा से शामिल हो ताल ठोंकी।तब इन्हें कुल 33481 मत मिले, जो कुल मत का 17.41 फीसदी था। 2014 के लोकसभा चुनाव में लल्लू सिंह के फैजाबाद का सांसद बनने के बाद विधानसभा के चुनाव के मद्देनजर हाल में वेद प्रकाश गुप्ता भाजपाई हो गए। अब भाजपा ने उनके दो चुनावों के प्रदर्शन और कुशल व्यापारी की छवि को ध्यान में रखकर दांव लगाया है।ऐसे में देखा जाए तो वोटो के गणित और आर्थिक मजबूती के साथ साथ कमलेश श्रीवास्तव को अपने ही साथियो के अतिउत्साह का भी नुक्सान हुआ I बहराल अब जो होना था वो हो चुका है और कमलेश श्रीवास्तव को अब आगे की तैयारी करनी है I कमलेश की आगे की तैयारी क्या होगी ये वक्त ही तय करेगा