मेरा जन्म एक सम्पन्न कायस्थ परिवार में हुआ था , सम्पन्न होने के नाते पिताजी और माताजी को हमे देने के लिए समय बहुत कम मिलता था जिसके चलते हमारा बचपन हमने दायीं माँ के साथ बिताया और जब कुछ बड़े हुए तो घर वालों ने बोर्डिंग में डाल दिया ।
वहां हमे अच्छी शिक्षा मिली और जीवन में कैसे आगे बढ़ना है इसका ज्ञान मिला और जब बोर्डिंग से पढ़ के बाहर आये तो जीवन में सफलता अर्जित करने के पीछे लग गये..
कायस्थ थे परंतु कायस्थों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी , हिन्दू देवी- देवताओं के बारे में जानकारियां थी और उनके पूजा पाठ भी करते थे, अपने कार्य से मैंने समाज में बहुत ख्याति प्राप्त कर लिया था और यश और समृद्धि भी बहुत थी..
लेकिन जैसा कहा जाता है कि समय हमेशा एक जैसा नहीं रहता है , और समय आप को आपकी सच्चाई और आप के जमीन का एहसास आप को जरूर दिलाता है , वही मेरे साथ भी हुआ मैं अपने सफलता नाम और शोहरत में इतना खो गया था कि मुझे धन और ऐशों आराम के सिवा कुछ नहीं दीखता था ,
लेकिन जब समय ने करवट लिया तो में नीद से जागा और अपने इस बुरे दिन के पीछे के कारणों को ढूढने में लग गया , तब कइयों के मुँह और मीडिया से सुनने को मिला की इस जन्म के कर्म को इसी जन्म में भोगना पड़ता है , तब में ज्योतिष और हिन्दू पूजा पाठ की तरफ मुड़ा लेकिन उससे भी फायदा नहीं हुआ , और घर के बड़े बुजर्गों का हाथ भी अब सर पे नहीं था कि मुझे सही सलाह मिलती की में क्या करूँ ..
उस समय कई वर्षों के बाद मेरी मुलाकात बचपन में पालन पोषण करने वाली दायीं माँ से हुई , मैंने जब उनको अपने दुःख आज की स्थितियों के बारे में बताया तो उन्होंने मुझे बोला की अन्य देवी देवताओं के साथ साथ कुल देवता की भी पूजा बहुत जरूरी होता है और जीवन में हमेशा प्रगति को अग्रसर होने के लिए सभी देवी देवताओं के आशीर्वाद के साथ साथ अपने कुल देवता का आशीर्वाद होना बहुत अनिवार्य है क्यों की जब तक माँ बाप का आशीर्वाद ही पुत्र को नहीं मिलेगा तो अन्य लोगों का आशीर्वाद कैसे काम करेगा, और उस समय मीडिया में फैली बातें की मुझे मेरे कर्म का फल मिल रहा है पे दायीं माँ ने मुझे बताया कि मेरे कुल देवता भगवान श्री चित्रगुप्त जी ही सभी मनुष्यों के कर्मो का लेखा जोखा करते है और उसी के अनुसार उनके लिए फैसला करते है तो अगर में भगवान श्री चित्रगुप्त जी की पूजा शुरू कर दूं तो कुल देवता के साथ साथ कर्मो के आधार पे फलों का निर्धारण करने वाले देवता भगवान श्री चित्रगुप्त जी का भी आशीर्वाद मुझे प्राप्त होने लगेंगा...
मैंने दायीं माँ के बताए अनुसार सपरिवार भगवान श्री चित्रगुप्त जी की पूजा शुरू की और कुछ महीनों के अंदर मेरे समय ने पुनः से करवट लेना शुरू किया और मेरे अच्छे दिन पुनः वापस आने लगे और आज में अपने कुलदेवता भगवान श्री चित्रगुप्त जी के दया और आशीर्वाद से जिस मुकाम पे हूँ वो मेरे पहले की स्थिति से भी बहुत अच्छी है..
धन्यवाद दायीं माँ का जिन्होंने मुझे इतना सरल रास्ता बताया और अपने कुल देवता भगवान श्री चित्रगुप्त जी को कोटि कोटि प्रणाम
प्रस्तुति : अनिमेष श्रीवास्तव (मुम्बई , महाराष्ट्रा)