
कायस्थ शिरोमणि जयप्रकाश नारायण को समर्पित हुआ इस बार का संगत पंगत : जिन आपातकाल ना वेख्या वो नहीं समझ सकता आपातकाल , बोले आर के सिन्हा
कायस्थ खबर डेस्क I रविवार को केन्द्रीय संगत पंगत इस बार कुछ विशेष ही अंदाज में हुआ I २५ जून १९७५ को आज से 42 वर्ष पूर्व इसी दिन तत्कालीन इंदिरा सरकार ने भारत वर्ष के लोकतंत्र को जिस प्रकार से बंधक बनाकर देश पर आपातकाल थोपा ,संगत-पंगत में इस विषय पर एक सघन और विस्तृत चर्चा हुई ।कार्यक्रम का प्रारंभ भगवान् चित्रगुप्त की वंदना और जयप्रकाश नारायण के चित्र पर मालायार्पण पर द्वारा हुई I जिसके बाद जयप्रकाश नारायण की जीवनी लिखने वाले दूरदर्शन के सुप्रसिद्ध पत्रकार श्री सुधांशु रंजन ने इंदिरा गांधी के आपातकाल पर कई वृतांत बताये I उन्होंने याद करते हुए कहा की कैसे मधु लिमये ने उनसे कहा की आखिर जेपी आन्दोलन से देश को क्या हासिल हुआ , तब वो कुछ नहीं कह पाए लेकिन आज कहते है जेपी आन्दोलन ने जनता को स्वयं विरोध करने की ताकत दी वो ताकत जो आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी की तानाशाही ने दबा दी थीThe Statemen के पत्रकार मोहन सहाय भी उन दिनों पटना के अपने अनुभव साझा किया इसके बाद कवि स्वप्निल ने भी उन दिनों प्रकाशित एक कार्टून का जिक्र किया जिसमे राष्ट्रपति को बाथ्रोम में ही आपातकाल की घोषणा पर हस्ताक्षर करते दिखाया गया था Iअंत में राज्य सभा सांसद आर के सिन्हा ने जे पी के साथ अपने कई किस्से बताये , ये भी बताया की कैसे उस दौरान उनकी लिखी एक किताब की सभी प्रतियों को को सरकार के कहने पर उनके घर के सामने ही जला दिया गया I उन्होंने "जिन लाहोर ना वेख्या" की तर्ज "जिन आपातकाल ना वेख्या"पर बोलते हुए कहा की आपातकाल को वो नहीं समझ सकता जिसने आपातकाल नहीं देखा Iकार्यक्रम का समापन डॉ. सुकृति माथुर और अविरल माथुर के मधुर स्वरों में "वन्दे मातरम्" की वन्दना से हुआ।
।। Kayasth Khabar ।। no 1 Kayasth Portal, sri chitrgupt Bhagwan, chitransh parivar, Kayastha News , Kayasthworld Kayasth News , Kayasth Khabar , no 1 Kayasth Portal, Kayasthworld , sri chitrgupt Bhagwan, chitransh parivar,
