आखिर क्यों हमारा कायस्थ समाज दिग्भ्रमित हो रहा है – ललित सक्सेना
आखिर क्यों हमारा कायस्थ समाज दिग्भ्रमित हो रहा है आखिर क्यों ना कोई एक बैनर जो की पुरानी को पारिवारिक हो और जिसे कायस्थ समाज समझता हूं और मजबूत किया जाए किसी उद्देश्य के साथ मेरे द्वारा आज से 1 वर्ष पूर्व अखिल भारतीय कायस्थ महासभा 5680 पंजीकृत संस्थान में प्रदेश प्रभारी के रूप में राजस्थान में एक पद लिया गया था उत्तरदायित्व समझ कर समाज को संगठित करने की दिशा में मेरे द्वारा एवं मेरे युवा साथियों के द्वारा मेरे विचारों को समझने वाले लोगों के द्वारा बड़ा ही सराहनीय रूप से कुछ प्रयाग गए किए गए थे जिन्हें आज अखिल भारतीय कायस्थ महासभा राजस्थान गर्व से मेरे द्वारा किए गए कार्यों का विवरण कई मीटिंगों में बताया जाता रहा है और आज जब किस समय हमारे समाज में एक संगठित होने का प्रयास हम युवाओं द्वारा किया गया था जिसके कार्य करने की प्रेरणा राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा द्वारा हमें दी गई थी परंतु उनके द्वारा कुछ गलत नीतियों का प्रचार करते हुए उनके कुछ सहयोगियों द्वारा जैसे कि अनिल सक्सेना ललकार ग्रुप विवेक बाड़मेरी मनीष श्रीवास्तव जैसे और भी अन्य लोगों के द्वारा और इनके मोहरों के द्वारा मुझे बदनाम करने की साजिश रची गई थी परंतु भगवान श्री चित्रगुप्त के आशीर्वाद और प्रसाद के रूप में मुझे मेरी इज्जत में बढ़ोतरी ही मिली है
हमें समाज को संगठित करने के लिए उन युवाओं का साथ चाहिए आज देखा जा रहा है अखिल भारतीय कायस्थ महासभा विवादित संगठन के रूप में हमारे समाज के पुराने के संगठन की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं आखिर कब तक बर्दाश्त करेंगे हम युवा और नित नए संगठन कुकुरमुत्ते के रूप में रात दिन पैदा हो रहे हैं हमारे समाज को चाहिए कि इन संगठनों को रोका जाए अथवा सभी कायस्थ समाज के संगठनों का एक महा गठबंधन भी तैयार किया जाए ताकि हमारे समाज के लोग राजनीति व्यापार आदि में सक्षम हो सकें और जितने भी नॉन पंजीकृत कायस्थ संगठन है उन्हें लोगों को दिग्भ्रमित करने का अधिकार नहीं है और ना ही समाज द्वारा दिया जाएगा आज हमारे द्वारा एक छोटा सा प्रयास राजस्थान से शुरू हुआ था और पूरे देश में सेल रहा है घर-घर चित्रगुप्त हर घर चित्रगुप्त इसलिए हमारे समाज को संगठित करने के लिए सर्वप्रथम हमारे आराध्य देव और उप जाति बंधुओं को खत्म करना ही होगा और गर्व से कहना होगा कि हम कायस्थ हैं
जय कायस्थ आना रॉयल कायस्थाना
ललित सक्सेना जयपुर राजस्थान