कायस्थ खबर डेस्क I मोदी सरकार को ३ साल हो गये है I लगभग १.५ साल बाद चुनाव होने की तैयारी भी सभी पार्टियों में शुरू हो गयी है I बीजेपी में भी अब तक मोदी की प्रचंड जीत के कारण चुप रहने वाले नेता अब खुल कर सरकार की नीतियों की आलोचना करने लगे है I सबसे बड़ी पहल इसमें बीजेपी की अटल बिहारी सरकार में रहे यशवंत सिन्हा ने की है
यशवंत सिन्हा ने अपने एक लेख में वित्त मंत्री अरुण जेटली पर करारा हमला बोला है और उन पर अर्थव्यवस्था को कबाड़ा करने का आरोप लगाया है। सिन्हा के हमलों के बाद सरकार पर न सिर्फ विपक्ष का हमला तेज हुआ है बल्कि अब तक बीजेपी के साथ दिखाई देने वाले कायस्थ भी सवाल उठा रहे है
मुंबई में प्रसिद्ध कायस्थ नेता ठाकरे बंधुओ ने में मोदी सरकार को चुनौती दी है कि अगर यशवंत सिन्हा गलत है तो साबित करें। सामना में लिखे सम्पादकीय में कहा गया "सिन्हा गलत होंगे तो सिद्ध करो कि उनके द्वारा लगाए गए आरोप झूठे हैं।...सिन्हा कोई ऐरे-गैरे नहीं हैं। अटल बहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में वह वित्त मंत्री थे इसलिए उनके बयान को सोशल मीडिया पर नियुक्त कए गए वेतनधारी प्रचारकों की फौज झूठा साबित नहीं कर सकती।"
बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने भी यशवंत सिन्हा की बातों का समर्थन किया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि यशवंत सिन्हा एक बड़े नेता हैं और वह देश के सबसे सफल वित्त मंत्रियों में रहे हैं। शत्रुघ्न ने लिखा कि यशवंत सिन्हा ने भारत की आर्थिक स्थिति को लेकर आईना दिखाया है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
राजनीती की इस बिसात में बीजेपी में उपेक्षित हुए कायस्थ अब एक साथ आने की कोशिश कर रहे है I शत्रुघ्न सिन्हा , यशवंत सिन्हा के साथ आ रहे है , आर के सिन्हा से उनके घर मिल रहे है , ऐसा लगता है आपातकाल में जयप्रकाश नारायण के बाद एक बार फिर विपक्ष तैयार करने की ज़िम्मेदारी कायस्थ ही उठाएंगे