“नाम तो काफी सुना था लेकिन विषम परिस्थिति में फरिश्ता बन कर सामने आए नोएडा के लोकप्रिय समाजसेवी आदरणीय राजन कुमार श्रीवास्तव से यूँ फोन पर बात होगी विश्वास नही हो पा रहा था।पिछले कुछ दिनों से अपनी गम्भीर बीमारी और प्रतिभाशाली बच्चो की शिक्षा को लेकर बेहद तनावग्रस्त था जिसके चलते डायलिसिस के दौरान आपातकालीन वार्ड का मुंह भी देखना पड़ा।आज मेरी आर्थिक व शारीरिक स्थिति का हवाला देते हुए मेरी व्यथा को लोकप्रिय राष्ट्रीय हिंदी दैनिक नवभारत टाइम्स ने प्रमुखता से छापा।मेरी आर्थिक, पारिवारिक व शारीरिक स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए समाज मे उत्कृष्ट कार्य कर रहे समाजसेवी आदरणीय राजन श्रीवास्तव ने मोबाइल द्वारा कुशलता पूछी और आर्थिक अभाव में रुके कार्यो के निमित्त आनन फानन में सेक्टर 55 स्थित कार्यालय प्रभारी संजय को स्थिति का जायजा लेने भेजा।जहा विषम परिस्थितियों को देखते हुए 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता करते हुए कहा कि डायलिसिस जैसी गम्भीर बीमारी का इलाज और शिक्षा किसी कीमत पर नही रुकनी चाहिए। आदरणीय राजन सर द्वारा फौरी तौर पर पहुंचाई गई इस आर्थिक सहायता के लिए मैं सपरिवार कृतज्ञता के साथ उनका आभार व्यक्त करता हूँ।”
व्यक्ति विशेष : नाम से ही नहीं काम से भी राजन है नॉएडा श्री राजन श्रीवास्तव
कायस्थ खबर डेस्क/मोहित भटनागर I यु तो राजन श्रीवास्तव नॉएडा ही नहीं देश विदेश के कायस्थों में आज जाना पहचाना नाम है और शायद ही कोई ऐसे दिन जाता होगा जिस दिन नॉएडा में रहने वाले समाज सेवी चित्रांश राजन श्रीवास्तव किसी की मदद ना करते हो I इतनी सब के बाद भी अगर कोई व्यक्ति विन्रम हो तो उसे सिर्फ ना से ही नहीं दिल से भी राजन ही कहा जा सकता है I
यु तो राजन श्रीवास्तव के कार्यो को अगर हम बताना शुरू करे तो उस पर एक पूरी किताब लिखी जा सकती है लेकिन आज हम जिस घटना का जिक्र करने जा रहे है वो है किडनी के रोग से पीड़ित डायालिसिस पर जिन्दगी जी रहे एक चित्रांश की मदद की I नॉएडा में सीतापुर के रहने वाले अनिल श्रीवास्तव 2012 से डायलिसिस सपोर्ट पर है और ३ साल पहले गुर्दा प्रत्यारोपण भी करवा चुके है, प्रत्यारोपित गुर्दा ढाई महीने बाद फेल हो गया था जिसके बाद पुनः डायलिसिस सपोर्ट पर आ गए थे।इस गम्भीर बीमारी के चलते अनिल के पिता का देहांत भी हो गया था।एक छोटी सी दुकान के सहारे परिवार का भरण पोषण व मायावती सरकार ड्रीम प्रोजेक्ट वाले नोएडा-ग्रेटर नोइडा प्राधिकरण द्वारा संचालित मॉडल स्कूलों में बच्चो की शिक्षा चल रही थी जिसमे इस सत्र10 वर्षीय बिटिया अक्षरा श्रीवास्तव ने सावित्रीबाई फूले बालिका इंटर कालेज की कक्षा4 में प्रथम स्थान व बेटे ने गौतमबुद्धनगर बालक इंटर कालेज के कक्षा 2 में 96.6 प्रतिशत के साथ विशेष स्थान प्राप्त किया था।
बीते दिनों तबियत ज्यदा ख़राब होने के चलते उनके बच्चो की फीस नहीं जा पा रही थी जिसके लिए उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी समस्या को सोशल मीडिया के माध्यम से बताया I अभी योगी आदित्यनाथ की तरफ से कोई जब आता उससे पहले ही राजन श्रीवास्तव का फ़ोन अनिल श्रीवास्तव के पास आया और उनसे उनके बारे में जानकारी ली I उनके द्वारा बताये जाने पर की वो ज्यादा आ सकने में असमर्थ है राजन श्रीवास्तव ने अपने सहायक के हाथो ५०००० रूपए उनको उनके घर भिजवाये और कहाँ की बच्चों की पदाई या डायालिसस का खर्च मज़बूरी की वजह से नहीं रुकेगा I
मदद से आत्म्भिवोर हुए अनिल श्रीवास्तव ने धन्यवाद देते हुए राजन श्रीवास्तव को लिखा
Sbhi Svarno se apeal hai ki jatigat sangathan ke sath sath sbhi log Svarn yekta ko majbut kre kyuki present time me Svarn chautarfa.war se gujar rha hai
Thanks kayastha khabar & spacial thank to our real hero respective rajan srivastava sir