लेकिन कलेजे पर पत्थर रख चुके अंकित के परिवार वालों ने तय किया कि वे नफरती मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे। अंकित के पिता ने देश से हाथ जोड़कर कहा कि इस मामले को सांप्रदायिक मुद्धा ना बनने दें, बावजूद इसके कि अंकित के साथ जो हुआ वह पूरी तरह हेट क्राइम था।
अंकित के जाने के बाद परिवार आये आर्थिक संकट और मदद की कोशिशों की खबरें आती रहीं। इसी बीच रमजान का महीना आया और खबर यह आई कि अंकित के पिता ने आसपास के लोगो को घर बुलाकर इफ्तार करवाया है। अंकित के पिता ने कहा-- ऐसा करके मुझे शांति मिलती है। प्रेम की जो लौ अंकित के दिल में जल रही थी, वही अंकित के महान पिता ने भी जलाये रखी। वाकई वे हमारे समय के एक बड़े नायक हैं।राकेश कायस्थ की वाल से 
शहीद ए मोहब्बत : अंकित सक्सेना , तुम भूल ना जाओ इनको इसलिए कही ये कहानी
यह तस्वीर दिल्ली के अंकित सक्सेना की है। अंकित यानी हमारे दौर में प्रेम का सबसे बड़ा प्रतीक। एक रीयल लाइफ हीरो। जिंदगी,जिंदादिली और रुमानियत से भरपूर अंकित की उम्र 23 साल थी। वह एक प्रोफेशनल फोटोग्राफर था, उसके सपने बहुत बड़े थे।
अंकित ने प्यार किया था और बहुत डूबकर किया था। जिस लड़की से उसे मुहब्बत थी, वह भी अंकित के लिए अपना सबकुछ छोड़ने को तैयार थी। लेकिन लड़की के परिवार वालों तो अंकित पसंद नहीं था क्योंकि उसका मजहब कुछ और था।
प्रेमियों को अलग करने के लिए लड़की के परिवार वालों ने बेहद हिंसक और अमानवीय रास्ता चुना। अंकित का बेरहमी से कत्ल कर दिया गया। नफरती माहौल में एक ऐसी घटना हुई जिसने पूरे देश को हिला दिया था।
लेकिन कलेजे पर पत्थर रख चुके अंकित के परिवार वालों ने तय किया कि वे नफरती मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे। अंकित के पिता ने देश से हाथ जोड़कर कहा कि इस मामले को सांप्रदायिक मुद्धा ना बनने दें, बावजूद इसके कि अंकित के साथ जो हुआ वह पूरी तरह हेट क्राइम था।
अंकित के जाने के बाद परिवार आये आर्थिक संकट और मदद की कोशिशों की खबरें आती रहीं। इसी बीच रमजान का महीना आया और खबर यह आई कि अंकित के पिता ने आसपास के लोगो को घर बुलाकर इफ्तार करवाया है। अंकित के पिता ने कहा-- ऐसा करके मुझे शांति मिलती है। प्रेम की जो लौ अंकित के दिल में जल रही थी, वही अंकित के महान पिता ने भी जलाये रखी। वाकई वे हमारे समय के एक बड़े नायक हैं।राकेश कायस्थ की वाल से
लेकिन कलेजे पर पत्थर रख चुके अंकित के परिवार वालों ने तय किया कि वे नफरती मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे। अंकित के पिता ने देश से हाथ जोड़कर कहा कि इस मामले को सांप्रदायिक मुद्धा ना बनने दें, बावजूद इसके कि अंकित के साथ जो हुआ वह पूरी तरह हेट क्राइम था।
अंकित के जाने के बाद परिवार आये आर्थिक संकट और मदद की कोशिशों की खबरें आती रहीं। इसी बीच रमजान का महीना आया और खबर यह आई कि अंकित के पिता ने आसपास के लोगो को घर बुलाकर इफ्तार करवाया है। अंकित के पिता ने कहा-- ऐसा करके मुझे शांति मिलती है। प्रेम की जो लौ अंकित के दिल में जल रही थी, वही अंकित के महान पिता ने भी जलाये रखी। वाकई वे हमारे समय के एक बड़े नायक हैं।राकेश कायस्थ की वाल से
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