जानकारी के अनुसार अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ५६८० के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता सुबोध कान्त सहाय ने झारखंड चुनावों को लेकर किसी बात पर मदारी कहा I जिसके बाद बीजेपी के पक्ष में होने का दावा करने वाले अखिल भारतीय कायस्थ महासभा २१५० के राष्ट्रीय संयोजक मनीष श्रीवास्तव ने सुबोध कान्त सही के खिलाफ मोर्चा खोल दियामनीष ने सोशल मीडिया पर लिखाचतुर्थ वार्षिक संगत पंगत -पटना 29 नवम्बर,30नवम्बर 1दिसम्बर 2019 ज़रूर आइये I #sangatpangat4
क्षेत्रीय इकाई वाले कोंग्रेसी गुट की " अखिल भारतीय कायस्थ महासभा" पंजीकृत 5680, मैनपुरी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कोंग्रेसी नेता सुबोध कांत सहाय जी ने देश के प्रधानमंत्री मोदी जी को और गृह मंत्री जी के बारे मे गलत बोला है इसकी हमारा सन्गठन कड़ी निंदा करता है। इस कोंग्रेसी,सपाई गुट वाले अखिल भारतीय कायस्थ महासभा 5680,मैनपुरी से जुड़े और समर्थन कर रहे कायस्थबन्धु और नेता गड़ जो अपने अपनी विचार रखे ।इस सन्गठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कॉग्रेश के नेता सुबोध कांत सहाय जी है, इसके राजनीतिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष कोंग्रेसी नेता प्रदीप माथुर जी है। यही कोंग्रेसी गुट लोकसभा चुनाव में भाजपा के पदाधिकारीयो से लोकसभा की सीट मांग रहा था भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने इनकी असलियत जान कर कोई तब्बजो नही दिया।क्या प्रधान मंत्रीजी एवं गृहमंत्री के बारे में ऐसा बोलना सही है???देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री स्वामी विवेकानंद विचारधारा को आत्मशात करते है इसी लिये हमलोग उनको पसंद करते है।हमारा सन्गठन राष्ट्रीय स्वरूप वाला, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा (पंजी)2150,नई दिल्ली, स्वामी विवेकानन्द विचारधारा को मानता है।वही इसके आते ही ABKM ५६८० के सीनीयर वाइस प्रेसिडेंट डा मुकेश श्रीवास्तव ने मनीष श्रीवास्तव पर हमला करते हुए कहा
मनीष आपसे गंदा आदमी शायद कायस्थ इतिहास मे ना पैदा हुया ना होगा देल्ही कोर्ट से भागा हुया व्यक्ती जो हमसे मुकदमा नही लड़ पाया वो इस तरह की बात करता जी सिर्फ अकेले है और घोषणा बाज है कई साल से यात्रा निकालने की करता है वो भाग जाता है समाज आपको कभी सीरियस नही लिया है ना लेगा आप जो लिखते सिर्फ अपने को समाज मे बने रहनामनीष भी पीछे नहीं रहे और पूछ बैठे
कैसी मुकदमा बन्धु। आप लोग इन्तेजार करे मेरे मुकदमे का जो फर्जी तरीके से मुझे उवास्तिथि करके आदेश हुआ फरवरी 2014 का। किसी भी तरीके से निपटने में सक्षम हूँ आप लोग अपना स्टैंड देखे। मेरे कथन का अर्थ जब समझे ही नही तो आपसे क्या बात करे।कुल मिलाकर देश की राजनीती की तरह कायस्थ समाज भी राजनैतिक दलों में इस कदर बाँट दिया गया है की अब आपस में ही लढ़ रहा है