केवल महिमामंडन और आत्मप्रशंसा करने कराने से समाज का भला नहीं होसकता – विश्व विमोहन कुलश्रेष्ठ
जाती आधारित आरक्षण का रोना सभी रो रहे हैं, अपने कायस्थ समाज के होनहार बेटे अंकित श्रीवास्तव का दर्द सभी को परेशान कर रहा है, यह दर्द पहली बार तकलीफ नहीं दे रहा, जाती आधारित आरक्षण लागू होने के बाद से ही यदि इस देश में किसी जाती का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है तो वह जाती है कायस्थ ।
इस ज्वलंत समस्या पर कोई बात नहीं करता । कायस्थ समाज के कई नेता लोक सभा और राज्यसभा मेँ हैँ, लेकिन कोई इतनी हिम्मत नहीं जुटा पारहा की सच बात सदन मेँ रख सके, इस मुद्दे पर सवर्ण नेताओँ के साथ सहमति बनाने की पहल कर सके ।।
बैसे हमारे नेता कायस्थ समाज के परम हितैसी होने की बात जोर जोर से कर रहे हैं, लेकिन भला असली मुद्दों पर काम करने से ही होपायेगा । हमारे नेताओँ को हिम्मत करनी होगी और सच की लड़ाई के लिए आगे आना ही होगा । यदि वास्तव मेँ वे कायस्थ समाज का हित चाहते हैं ।केवल महिमामंडन और आत्मप्रशंसा करने कराने से समाज का भला नहीं होसकता ।हमारे नेता इस मुद्दे को दौनों सदनों में उठाएं, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा सम्पूर्ण कायस्थ समाज और कायस्थ समाज के तमाम संघठनों को साथ लेकर खुल कर लड़ाई लड़ने को तैयार है ।विश्व विमोहन कुलश्रेष्ठ
राष्ट्रीय महामंत्री
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा( भड़ास श्रेणी मे छपने वाले विचार लेखक के है और पूर्णत: निजी हैं , एवं कायस्थ खबर डॉट कॉम इसमें उल्लेखित बातों का न तो समर्थन करता है और न ही इसके पक्ष या विपक्ष में अपनी सहमति जाहिर करता है। इस लेख को लेकर अथवा इससे असहमति के विचारों का भी कायस्थ खबर डॉट कॉम स्वागत करता है । आप लेख पर अपनी प्रतिक्रिया kayasthakhabar@gmail.com पर भेज सकते हैं। या नीचे कमेन्ट बॉक्स मे दे सकते है ,ब्लॉग पोस्ट के साथ अपना संक्षिप्त परिचय और फोटो भी भेजें।)