
मुद्दा :आखिर कायस्थ समाज जाती को ही ना मानने वाले कायस्थ कामरेडों को क्यूँ सपोर्ट दे ?
आज एक फेसबुक पोस्ट पर एक श्रीवास्तव नेता को जन्मदिन की बधाई दी रही है I मजे दार बात ये है की उन्हें वहां कामरेड भी कहा जा रहा है I मतलब सारी उम्र जाती को ना मानने वाले कामरेड को कायस्थ ही अपना नेता मानने जा रहे है ? ऐसे में सवाल ये है की जिसने अपनी सारी जिंदगी में कायस्थ समाज के लिए कुछ ना किया वो कायस्थ समाज के सम्मान और बधाइयो का हकदार कैसे ?दरअसल कायस्थ समाज ऐसे ही हालात के चलते हाशिये पर आया है , हमारे अधिकाश नेता सारी जिंदगी जाती की बात नहीं करते और अपने आखरी दिनों में महासभाओ और कायस्थ नेताओं से जुड़ने लगते है I ऐसे कायस्थ नेता जब उनके हातो में कायस्थ समाज के लिए कुछ करने की काबियत होती है तब जाती के अस्तित्व को ही नकारते है और बाद में उसी में सम्मान खोजते हैवस्तुत कायस्थ समाज ऐसे ढोंगियों से भरा पड़ा है और ऐसे ही कायस्थ कामरेडों और समाजवादियो के चलते कायस्थ समाज नेताओं के नाम पर शून्य की स्थिति में नजर आता है Iकायस्थ समाज को भी अब ऐसे नेताओं का शोशल मीडिया और ज़मीनी दोनों स्तर पर बायकाट करना होगा उन्हें बताना होगा की कायस्थ केवल उसे सपोर्ट करेगा जिसने कायस्थ जाती के लिए कुछ किया होगा ?