
सीधी बात : बीती घटनाओं को पीछे छोड़ आगे बढ़ने के लिए आज कितने लोग तैयार हैं, ए॰के॰ श्रीवास्तव जी के पहल को साधुवाद- महथा ब्रज भूषण सिन्हा
जब एक प्रतिपक्षी पक्ष अपने धुर विरोधी पक्ष को जातिगत एकता का संदेश देता है तो इसके निहितार्थ बहुत बड़े हो जाते हैं। यह संकेत बीज को अंकुरित होने की घटना जैसी है। अगर उचित वातावरण मिला तो वह अंकुरण बड़ा वृक्ष बन सकता है, अन्यथा अंकुर ही नष्ट हो जायगा।
बीती घटनाओं को पीछे छोड़ आगे बढ़ने के लिए आज कितने लोग तैयार हैं? वे जिन्हे तत्काल राहत मिली हो या वे सभी, जो किसी न किसी प्रतिद्वंदीता के लिए ही अलग बैठ एक दूसरे की मशाल बुझा देने के प्रति प्रतिबद्ध हैं ? बुराइयों की अपेक्षा अच्छाई को स्थापित करने मे बहुत समय और यत्न की जरूरत होती है। निर्माण करो, संहार नहीं?जब हम निर्माण की बात करते हैं, तो हमे कुशल शिल्पी की तलाश करनी पड़ेगी, जबकि विध्वंश के लिए किसी योग्यता की जरूरत नहीं पड़ती। हमारे समाज मे यही हो रहा है। समाज के अगुआई करने के दावे करने वाले सभी (हो सकता है कि यह टिप्पणी अधिक तल्ख हो, पर यह सच्चाई है) अयोग्य हैं, जिन्होने अबतक विध्वंश ही किया है। जो योग्य हैं, वे नेपथ्य मे चले गए हैं या उन्हे जाने के लिए बाध्य होना पड़ा है। पैसा, पद, महत्वाकांक्षा से लिप्त लोगों कि फौज अगली कतार मे पहुँच चुकी है। यही है कायस्थ समाज का असली संकट।कुछ न्यूज़ पोर्टल या कायस्थ पोर्टल पर छप रहे लेख को पढ़ कर हंसी भी आती है और क्षोभ भी होता है कि कैसे-कैसे लोग कायस्थ समाज को मैसेज देने का काम कर रहे हैं? जिस पर टिप्पणी भी नहीं की जा सकती। लेखक और संपादक होने के लिए कुछ तो योग्यता होनी ही चाहिए। कलम के धनी कहे जाने वाला कायस्थ आज सच-मुच मे आरक्षण पाने लायक हो गया है। क्या प्रबुद्ध कायस्थ को इस अधोगति मे डूब रहे अपने समाज को बचाने के लिए चिंतित नहीं होना चाहिए?
श्री ए॰के॰ श्रीवास्तव जी के पहल को साधुवाद।
- महथा ब्रज भूषण सिन्हा।
।। Kayasth Khabar ।। no 1 Kayasth Portal, sri chitrgupt Bhagwan, chitransh parivar, Kayastha News , Kayasthworld Kayasth News , Kayasth Khabar , no 1 Kayasth Portal, Kayasthworld , sri chitrgupt Bhagwan, chitransh parivar,
