आइकन विवाद में आइकन के मीडिया संयोजक संकेत श्रीवास्तव ने कायस्थ खबर को अपने जबाब भेजे है , कायस्थ खबर उनके पक्ष का सम्मान करता है और उसे पब्लिक के सामने रख रहा है I कायस्थ खबर सभी पक्षों का सम्मान करता है , पत्र में आये विचार आइकन संस्था के है और कायस्थ खबर उसके लिए ज़िम्मेदार नहीं है
आप के सभी जबाबो को संयम और सम्मान के साथ हमारे राष्टीय कायस्थ महापरिषद के सदस्य
श्री हरिहर प्रशाद सिन्हा जी ने
आपके द्वारा आपके न्यूज़ पोर्टल कायस्थ खबर में उठाए गए प्रश्नो का बिन्दुवार उत्तर प्रस्तुत किये है जो आपको क्रमशा नीचे दीये गय है
- सभी संस्थाऐं कभी विवादित नहीं हो सकती।जहां व्यक्तिगत स्वार्थ, वर्चस्व,दादागिरी,चमचागिरी इत्यादि इत्यादि संगठन में आते हैं तो विवाद होना निश्चित है। AIKCON इससे दूर रहेगा क्योंकि नेतृत्व की चाभी आम सदस्यों के पास होगी।
रा०का०म० संस्थाओं का परिसंघ अथवा फेडरेशन है।संस्थाऐं स्वतंत्र रह कर अपना निर्णय लेती हैं तथा अपने क्रिया कलापों की जानकारी महापरिषद को प्रदान करती है। संस्थाओं की संबद्धता तथा उनके पदाधिकारी ही महापरिषद के पदेन सदस्य होते हैं।जाहिर है कि संस्था,उनके द्वारा किए गए कार्यों के महत्व को प्राथमिकता दिया जाता है।
महापरिषद ने सम्बद्ध संस्थाओं के बीच सर्वोच्च श्रेणी के समन्वयक की भूमिका निभाई है। इतना ही नहीं महापरिषद सम्पूर्ण भारत के उपेक्षित चित्रगुप्त मंदिरो, धर्मशालाओं के रखरखाव, जीर्णोद्धार,विकास हेतु सतत प्रयत्नशील है।किसी भी चित्रांश द्वारा सूचना देने पर त्वरित कारवाई की जाती है।ऐसे बहुत सारे सामूहिक क्रियाकलाप संस्थाओं के सूचना पर अथवा सहयोग से सम्पादित हुई है जिसकी सूचि काफी लम्बी है। अनुसंधान करने पर सच्चाई सामने आ जाएगी।
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के कितने राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं यह किसी से नहीं छुपा,यहां तक कि महिला राष्ट्रीय अध्यक्षा भी अवतरित एवं व्याप्त हैं।क्या उन्हें सामान्य जन चित्रांशों ने बहुमत से चुना है अथवा स्वयंभु हैं।जमीनी स्तर पर कार्य को तरजीह देते हुए नेतृत्व का निर्णय करना होगा।
महापरिषद में पदाधिकारियों का चयन बहुमत अथवा सर्वसम्मति से होता है, विपरीत परिस्थियों तथा विघटन के कई असफल प्रयासों के बावजूद भी महापरिषद अनुशासित सदस्यों के एकता प्रदर्शन के कारण और निखर कर मजबूत हुआ है जो कि सर्वविदित है।
महापरिषद ने आईकान के पुर्नजीवन और पुर्नगठन के लिए मात्र मंच प्रदान कर दिया है तथा इससे महापरिषद का कोई संबंध न है और न भविष्य में रहेगा।लोग आगे आऐं और सम्भालें इसी दिशा निर्देश और निर्णय पर कार्य सम्पादित किया जाएगा।दोहरी सदस्यता (पद के लिए) पूर्ण रुप से वर्जित है।एक ही संस्था के पदाधिकारी रह सकते हैं तथा एक बार ही पदाधिकारी बन सकते हैं।
कोष के संबंध में मान्यता है कि हमारे समाज में भामाशाहों की कोई कमी नहीं है, परन्तु दान के प्रभाव को बिल्कुल पास फटकने नहीं दिया जाएगा चाहे कोई भी हो।सदस्यों के हाथ में मुल्यांकन का अधिकार होगा और सारी प्रक्रिया पूर्णतःपारदर्शी होगी।
गोलमेज सम्मेलन के सात्विक उद्देश्यों के लिए आवश्यक था कि स्वयंभू नेताओं,चर्चित चेहराओं, चमचाबाजी,दादागीरी से उपर उठ कर स्वस्थ एवं विकासशील चर्चाऐं हों ताकि इस उमस भरे वातावरण से निकल कर जन सामान्य चित्रांश स्वयं अपनी दिशा तय कर सकें। सभी चित्रांशों का स्वागत है यथा आह्वान है कि स्वयं आगे आऐं और आईकान को सम्भाले तथा एक इतिहास रच कर दिखा दें कि आईकान का आगाज हो चुका और सभी चित्रांश मिलकर इसे अंजाम तक पहूंचाऐगें जिसमें युवाओं का सशक्त एवं सच्ची भागीदारी होगी और वह भागीदारी फेसबुकिया, व्हाट्सऐपिया या ट्विटरिया आदि न होकर सही धरातलीय होगी।
शक का ईलाज तो हकीम लुकमान के पास भी नहीं था, लोग तो अपने भाई, रिश्तेदार, परिवार,समाज सभी पर शक,संदेह करते हैं या उनकी आदत है। आवाहन है कि संदेह की दुनिया से निकल कर व्यक्ति,संस्था.... को तथ्यों की कसौटी पर कस कर स्वछंद निर्णय लें और इस महती संकल्प को पूरा करें।
नारा है -
सम्पर्क टूटे नहीं । कोई घर (चित्रांश)छूटे नहीं ।।
हमें उम्मीद ही नहीं पूण विश्वाश है की आपके सभी जबाब मिल गए होंगे और उनको व्यक्तिगत ना समझगे | जिस प्रकार आपके ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल " कायस्थ खबर " निष्पक्ष न्यूज़ प्रकाशित करने के लिय प्रसिद्धहै और हम सभी का पसंदीदा बना हुआ है ,इशी प्रकार हमेशा निष्पक्ष न्यूज़ प्रकाशित करते रहें|आप की राय
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